पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा ।
[These are preliminary stotras that should be recited ahead of reading through of Devi Mahatmyam/Chandi/Durga Sapthasathi. Here's it instructed that if this kunjika stotram is recited then there's no need to recite all of these.]
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
अति गुह्यतरं देवि ! देवानामपि दुलर्भम्।।
एडवर्टाइज विथ असप्राइवेसी पॉलिसीकॉन्टैक्ट अससेंड फीडबैकअबाउट असकरियर्स थीम
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
इस पाठ के करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीः, वां वीं वागधीश्वरी तथा।
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
इदं more info तु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे ।
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।
समय का अभाव है तो नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.
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